असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता दबीर अब्बास। कौशाम्बी के तयबापूर स्टेट के नाम विख्यात ज़मीदार के वारिसान हुसैन अब्बास व मोहम्मद अब्बास की ओर से माँ फिरोज़ा खातून के इसाले सवाब को करैली मे आयोजित मजलिस ए तरहीम मे ज़ाकिरे अहलेबैत बाबर नदीम ने माँ की अजमत और बच्चों से उलफत के साथ एक माँ का ज़िन्दगी मे क्या किरदार होता है इस का विस्तार से तज़केरा किया।बैतुस्सलात करैली मे आयोजित मजलिस ए तरहीम मे कहा माँ हयात ए इन्सानी के नुक़ता ए आग़ाज़ और आबरुए ज़िन्दगी के हरफे कमाल का नाम है।माँ वह खालिक़े मिजाज़ी है जिसके वजूद मे तखलीख का माददा भी है और तरबीयत का जौहर भी है।माँ वह मुसव्वर है जो अपने वजूद को खूने दिल मे डूबो कर एक मर्रक़्क़ा बनाती है जिसे मामता कहते हैं।
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