असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता दबीर अब्बास करैली मे मरहुमा फिरोज़ा खातून के चालिसवें की मजलिस को सम्बोधित करते हुए दिल्ली से आए मौलाना जाफर रिज़वी ने अल्लाह और रसूल के साथ पाक क़ुरआन मजीद की पाकीज़गी और अज़मत बयान की कहा कितनी अज़मत और बाबरकत है रसूल ए अकरम की अल्लाह ने उम्मत ए इसलाईमिया को राहे रास्त पर लाने और वहदानियत को जो क़ुरआन नाज़िल किया वह रसूल पर नाज़िल किया।माँ की अज़मत का ज़िक्र करते हुए कहा माँ वह अज़ीम शख्सियत का नाम है जिसके पैरों के नीचे जन्नत का तसव्वुर पाया जाता है।अगर माँ राज़ी कर लिया तो गोया खुदा को राज़ी कर लिया।ज़िन्दगी मे माँ की अहमियत समझो मरने के बाद तो सब को किसी न किसी तरहा लोग याद कर ही लेते हैं लेकिन माँ की तरबीयत से ही आज जो शख्स नामो नेहाद की जान पहचान पाता है उसे नाफरमानी कर आख्ररत खराब कर लेता है।

मौलाना ने रसूल की बेटी और अली की ज़ौजा फात्मा ज़हरा से सीख लेने की तरबीयत दी।शायर अनीस जायसी के संचालन निज़ामत मे एक गेस्ट हाऊस मे हुई मजलिस ए चेहलुम मे मंज़रुल हिन्दी की सोज़ख्वानी से मजलिस का आग़ाज़ हुआ।शायर हैदर कोरालवी व शायर अनवार अब्बास ने ताज़ियती नज़्म के साथ पेशख्वानी के ज़रीये करबला के शहीदों का ज़िक्र किया।महिलाओं की मजलिस को अलीगढ़ की ज़ाकिरा मोहतरमा ग़दीर ज़हरा साहिबा ने खिताब किया।मजलिस में मौलाना ज़रग़ाम हैदर ,मौलाना हुसैन ,नजीब इलाहाबादी ,शफक़त अब्बास पाशा ,हुसैन अब्बास मक़सूद,मोहम्मद अब्बास महमूद ,साबित अली ,नासिर ज़ैदी ,शबीब हैदर ,अमजद हुसैन ,ज़फर हुसैन ,मक़सूद रिज़वी ,ज़ुलक़रनैन आब्दी ,सै०मो०अस्करी ,शाहिद कमाल खान ,समर अब्बास शम्सी ,रज़ा हैदर बाशू ,महबूब उसमानी ,फज़ल खान ,फसाहत हुसैन ,काशान सिद्दीक़ी ,ज़ामिन हसन ,शादाब ज़मन ,अस्करी अब्बास ,महमूद ज़ैदी ,मोहम्मद मेंहदी शेरा ,असग़र अली ,शेर अली ,भय्यू ,इशान ,शादाब समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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