असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज , निजी समाचार बहुजन समाज पार्टी बहुजनों की सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और अस्मिता के साथ एक संगठनात्मक राजनैतिक शक्ति है। बसपा एक व्यवस्था परिवर्तन मिशन मूवमेंट का नाम है। बहुजन समाज पार्टी सर्व समाज का एक सामाजिक भाईचारे का दूसरा नाम है। बसपा केवल एक जाति की पार्टी नहीं है और न ही बसपा में जातिवाद चलता है। यूपी में जो नेता आज चुनावी/राजनैतिक हलचल मचा रहे हैं ये सभी बसपा की कोख से पैदा हुए हैं और राजनीति का ककहरा/ज्ञान बीएसपी की पाठशाला से उदयीमान है न कि समाजवाद के कोख से। बसपा सामाजिक व राजनीति की वो फैक्ट्री है जहां नेता पैदा होते रहेंगें।

ओ.पी. राजभर, लालजी वर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, डा. संजय निषाद जो आज अपने जमात के बडें नेता बने घूम रहे हैं कल तक ये बहुजन समाज के नेता थे आज अपनी जाति के नम्बरदार नेता कहे जाते हैं। बसपा से पहले इनकी राजनीतिक पहचान क्या थी ? और आज यूपी के राजनीति में इन्हें छोड़कर दूसरा कौन नेता चर्चा में हैं ? खैर बसपा कबाड़ का बिजनेस नहीं करती। पिछले चुनाव में सपा का 21 प्रतिशत तथा बसपा का 22 प्रतिशत वोट था। राजनीति को सिर्फ नेताओं के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।फिलहाल प्रदेश की सर्व समाज की जनता घटनाक्रम को बखूबी देख रही है तथा मीडिया मैनेजमेंट से कुछ फायदा किसी भी दल को मिलनेवाला नही है क्योंकि जनता सब जानती है। देखना होगा आगामी विधानसभा-2022 के चुनाव में मौसम वैज्ञानिकों का कितना प्रभाव पड़ता है यह तो समय बताएगा कि ऊट किस करवट लेता है।
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