बुधवार, 1 दिसंबर 2021

जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिये संविधान निर्माता डा. अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि पर रक्त बन्धुता के नाम पर रक्तदान का आयोजन

असबाबे हिन्दुस्तान

प्रयागराज  निजी समाचार, स्वतंत्रता और समानता का उल्लंघन होने पर कानून सुरक्षा प्रदान कर सकता है लेकिन कानून इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि ऐसा नहीं होगा। एकमात्र शक्ति जो स्वतंत्रता या समानता की रक्षा कर सकती है वह है बंधुता या भाईचारा। बंधुता मानवता और धर्म का दूसरा नाम है उक्त बातें बहुजन समाज पार्टी के पूर्व मण्डल सेक्टर प्रभारी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामबृज गौतम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताई।

          गौतम ने आगे बताया कि सदियों पुरानी दलित, महिला, आदिवासी, गरीब जनता को जाति व्यवस्था ने कलंकित किया उस जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिए नेतृत्व लेने वाले संविधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर को उनकी 66 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे भारत से लगभग एक हजार गांव के लोग जिला, तहसील और ब्लाक मुख्यालयों पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों पर रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। वाइस आफ इंडिया, प्रबुद्ध फाउंडेशन, देवपती मेमोरियल ट्रस्ट और डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) के संयुक्त तत्वावधान में प्रयागराज में यह कार्यक्रम कोरांव और बारा तहसील स्थित लगभग सैकड़ो गांव के दलित आदिवासी इस कार्यक्रम को रक्तबंधुता के नाम से रक्त दान करेंगे।

रक्त बंधुता या भाईचारा का आदर्श बहुजनों को अपने महामानव गौतम बुद्ध से मिला। उनकी बातें आज सौ प्रतिशत सच साबित हुई हैं। अगर भारतीय समाज में भाईचारा होता, तो दलितों के साथ अत्याचार नहीं होता, दुनिया में भारत सर्वोच्च होता तो महिलाओं पर बलात्कार नहीं होता, धर्म धर्म के बीच नफरत पैदा नहीं होती और विकास का दावा करते समय भारत में इतने कुपोषित बच्चे नहीं होते। बंधुता जितनी  मजबूत उतना ही मजबूत भारत 'राष्ट्र' होता। डा. बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा बताई गई 'बंधुता' के मूल्य को उजागर करने के लिए देश भर के स्त्री-पुरुष भारत के संविधान के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए रक्तदान करेंगे। खून की सगाई सबसे बड़ी है। रक्तदान प्रमाण पत्र के साथ एक यात्रा 2 मार्च 2022 को आयोजित की जाएगी। यह रक्त भारत के राष्ट्रपति को सुपूर्त कर देश में बढ़ते दलित अत्याचारों का अंत कब होगा? इस मुद्दे को उनके और देश के ध्यान में लाने की योजना बनाया जा रहा है।

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