असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज निजी समाचार, अवध के छठे नवाब वाजिद अली शाह ने बड़ी मात्रा में अपनी सेना में सैनिकों की भर्ती की थी, जिसमें लखनऊ के सभी वर्गों के गरीब लोगों को नौकरी पाने का अच्छा अवसर मिला था। ऊदा देवी नवाब वाजिद अली शाह की महिला दस्ते की सदस्य थीं और 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम की सेनानी थीं। इन्होने भारतीय सिपाहियों की ओर से युद्ध में भाग लिया था। लखनऊ की घेराबंदी के समय लगभग 2000 भारतीय सिपाहियों की शरणस्थल सिकन्दर बाग़ पर ब्रिटिश फौजों द्वारा चढ़ाई की गयी थी और 16 नवंबर 1857 को इन 2000 भारतीय सिपाहियों का ब्रिटिश फौजों द्वारा संहार कर दिया गया था उक्त बातें वीरांगना ऊदा देवी के 164 वीं पुण्यतिथि पर डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा), भारतीय बौद्ध महासभा, डा. अम्बेडकर मिशन आदि सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में मेहदौरी कालोनी में आयोजित बैठक में समाजसेवी लल्ला कुमार अहेरवार ने कही। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता शुकदेव ने बताया कि ऊदा देवी ने पुरुषों के वस्त्र धारण कर अपने साथ एक बंदूक और कुछ गोला बारूद लेकर एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गयी थीं।
पुण्य तिथि पर मौजीलाल गौतम, जीडी गौतम, महेश प्रसाद, आरआर गौतम, गुड्डू कोटेदार, हिमांशु जैसवार, अरविन्द गौतम, अशोक कुमार, नवीन कुमार, दीवेन्द्र कुमार, आदित्य कुमार आदि उपस्थित रहे।
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