शनिवार, 27 नवंबर 2021

बसपा मिशन- 2022 का प्रतिनिधिमण्डल एसीएम प्रथम से मिला सौपा ज्ञापन

असबाबे हिन्दुस्तान

       प्रयागराज निजी समाचार। बसपा मिशन- 2022, जय भीम-पांच एकड़ और हर बूथ दस यूथ जोड़ो अभियान का प्रतिनिधिमण्डल उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुमार सिद्धार्थ के नेतृत्व में एसीएम प्रथम श्री शुभम श्रीवास्तव से मिला तथा मुख्यमंत्री उ.प्र. शासन लखनऊ को सम्बोधित पाँच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 1979-80 के दौरान दलितों आदिवासियों के आर्थिक विकास हेतु तहसील बारा, कोरांव, मेजा, करछना, फूलपुर और सोरांव में जमीन खरीदी गयी किन्तु भूमिहीनों में आवंटित नहीं की गयी। यदा कदा जहाँ भी जमीनें आवण्टित की भी गयी तो कागजात में दलितों -आदिवासियों के नाम हैं परन्तु जमीन जिस विक्रेता की थी उसी के कब्जे में आज भी है और विक्रेता आज भी विक्रय की गयी जमीन को जोत बोत रहे है। सरकारी नीति के अनुसार तीस प्रतिशत महिलाओं का सशक्तीकरण के अभियान में उ०प्र० विधानसभा की 403 विधानसभा सीटों में से लगभग 120 विधानसभा सीटें महिलाओं के लिये सुरक्षित की जाय। उ०प्र० की जनसंख्या के अनुपात में दो प्रतिशत का आरक्षण आदिवासियों को दिया गया है जिसके अनुसार प्रदेश विधानसभा की सीटों में आठ सीटें जनजातियों के लिए आरक्षित किया जाना न्याय संगत होगा। प्रयागराज की अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित कोरांव और बारा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है इसलिये कोरांव और बारा विधानसभा सीट आदिवासियों के लिये आरक्षित की जाय। उत्तर प्रदेश के समस्त कोल (आदिवासी) जाति को जिन्हें वर्तमान में अनुसूचित जाति में रखा गया है को अनुसूचित जनजाति में रखा जाये। बसपा मिशन-2022  के जिलाध्यक्ष उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुमार सिद्धार्थ ने बताया कि देश की आजादी के 73 साल बीत जाने के बाद भी उ०प्र० के आदिवासियों की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक व शैक्षणिक स्थिति दयनीय बनी हुई है तथा उनके समग्र विकास की कौन कहे प्रगति की रंचमात्र संभावना भी नजर नहीं आती है। बाबा साहब डॉ० बी० आर० अम्बेडकर ने कृषि और उद्योगों को सार्वजनिक करके सरकारी खेती और उद्योगों का सामाजीकरण करने का दबाव डालने के परिणामस्वरूप उनके परिनिर्वाण के 30 वर्षों के बाद देश मे बड़े पैमाने पर जमीने खरीदी गई किन्तु बारा और कोरांव विधानसभा के आदिवासी समाज की दयनीय स्थिति से सभी राजनैतिक दलों सत्ता और विपक्षी पार्टियों के नेता ही नही जिले और प्रदेश के बड़े अफसर भी जानते है।

आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद इनकी समस्याओं के प्रति तनिक भी संवेदनशीलता किसी भी दल व नौकरशाहो ने नही दिखाई इसी का परिणाम है कि आज भी प्रयागराज के विधानसभा बारा और कोरांव सहित प्रदेश के आदिवासी समाज समग्र विकास की मुख्यधारा में नही आ सका। बसपा मिशन-2022 जय भीम पांच एकड़ की यह पहल शायद दलित आदिवासी समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ सके और वंचित दलित आदिवासी समाज को कोई नई राह दिला सके। सही मायने में सबका साथ सबका विकास यदि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार चाहती है तो अंतिम पायदान पर खड़े आदिवासियों के लिए कोई ठोस नीति व कार्यक्रम बना कर कार्य करने की जरूरत है।  प्रतिनिधिमंडल में एडवोकेट राजीव कुमार सोनकर उर्फ राजू, एड महेश प्रसाद, एड रामचन्द्र वर्मा, बिंदेश्वरी प्रसाद, अरविन्द गौतम, दीवेन्द्र कुमार, हिमांशु जैसवार, एड राकेश कुमार, एड रत्नाकर सिंह, आदि लोग सामिल रहे।

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