असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज / मुख्य संवाददाता दबीर अब्बास। दो माह और आठ दिनो तक जारी रहने वाले अय्यामे अज़ा मे अब चन्दरोज़ ही रह गए है।ब्रहस्पतवार को माहे रबीउल अव्वल के चाँद की तसदीक़ लखनऊ से शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास ने की तो वहीं सुन्नी समुदाय ने शुक्रवार को चाँद की तसदीक़ की इस तरहा कहीं आमदे रसूल के जश्न की खुशी मे महफिले सजाई गईं तो कहीं फरशे अज़ा बिछा कर अय्मामे अज़ा के बचे हुए सात दिन पर लोग नवासा ए रसूल करबला के शहीद हज़रत इमाम हुसैन व अन्य 71 शहीदों का ग़म मनाते रहे।दायरा शाह अजमल खानकाहे अजमली मे पैग़म्बरे इसलाम हज़रत मोहम्मदे मुस्तफा (स०अ०व०) की आमद की खुशी मे जश्न की महफिल सजी।करैली दरियाबाद रानीमण्डी बख्शी बाज़ार आदि इलाक़ो मे मजलिस मातम व शब्बेदारी मे रात भर हुसैन ए मज़लूम पर आहो बुका की सदा गूँजी।

करैली मे अज़ीम हैदर व आरज़ू हैदर की ओर से सालाना मजलिस को मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने खिताब किया।मजलिस मे इमाम हुसैन के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह काली चादर से ढ़के घोड़े को आकर्षक ढ़ंग से गुलाब बेला व रजनीगन्धा के फूलों से सजा कर ज़ियारत को निकाला गया।हज़रत अब्बास का अलम मुबारक भी निकाला गया।अक़ीदतमन्दों ने बोसा लेकर मन्नत व मुरादें भी मांगी।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम कर अय्यामे अज़ा के आखरी दौर पर अलवेदा की सदा बुलन्द की।दरियाबाद इमामबाड़ा अरब अली खाँ मे शब्बेदारी का आयोजन किया गया।नजीब इलाहाबादी के संचालन मे अन्जुमन हैदरी ,अन्जुमन असगरिया ,अन्जुमन मज़लूमिया ,अन्जुमन अब्बासिया,अन्जुमन नक़विया ,अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने सिलसिलेवार नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।इमामबाड़े के अन्दर लगी सभी लाईटों को बुझा कर ताबूत इमाम हसन निकाला गया।

आयोजक अन्जुमन हुसैनीया क़दीम ने तबल व ढ़ोल की थाप पर तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़न्जीरों से पुश्तज़नी कर अपने आप को लहु लुहान कर लिया।अन्जुमन के प्रवक्ता सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ 15 अक्टूबर शुक्रवार को दो माह और आठ दिनो तक जारी रहने वाले अय्यामे अज़ा का आखरी दिन होगा चुप ताज़िया और हज़रत इमाम हसन अस्करी की यौमे शहादत पर निकलने वाले ताबूत व अन्जुमनो के नौहे और मातम के बाद ग़म मनाने का सिलसिला थम जायगा।
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