असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज , मुख्य संवाददाता दबीर अब्बास। अय्यामे अज़ा के आखरी दौर में मज़लूमे करबला की याद में दरियाबाद रानीमण्डी,बख्शी बाज़ार,करैली सहित तमाम मुस्लिम इलाक़ों मे फातेमा के लाल हुसैन की अज़ीम शहादत पर रंजो ग़म का माहौल तारी है।सुबहा से देर रात तक हर ओर से नौहा और मातम की सदाएँ गूँज रही है।करैली के जे के आशियाना मे अख्तर अब्बास रिज़वी के अज़ाखाने मे सालाना मजलिस हुई जिसमें नसीम बिसौनवी ने सोज़ख्वानी तो अमन इलाहाबादी ने पेशख्वानी के द्वारा करबला के शहीदों को याद किया।मौलाना इन्तेज़ार आब्दी ने शोहदाए करबला व असीराने करबला पर ढाए मज़ालिम का विस्तार से वर्णन करते हुए ग़मगीन मसायब पढ़े।अन्जुमन मासूमिया करैली के नौहाख्वानों ने ग़मगीन नौहा पढ़ा।मजलिस मे कल्बे अब्बास ,असद हुसैन , इब्ने अब्बास ,शाह अब्बास ,आसिफ अब्बास आदि लोग मौजूद रहे।वहीं दूसरी मजलिस शबीह रिज़वी के आवास पर हुई अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम की सदा बुलन्द की।शायर तालिब इलाहाबादी का लिखा अलवेदाई नौहा
शाहे मशरेक़ैन अलवेदा।। फात्मा के चैन अलवेदा।।
अलवेदी नौहों पर अन्जुमन के सदस्यों ने जमकर मातम किया।वहीं दायरा शाह अजमल मे अज़ाखाना स्व अली नक़ी जाफरी मे सात रबीउल अव्वल की खास मजलिस हुई सोज़ख्वानी असद ने तो औन प्रतापगढ़ी व ज़फर काज़मी ने पेशख्वानी के फराएज़ अन्जाम दिए।मौलाना सैय्यद अली अब्बास ने मजलिस को खेताब किया।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के सदस्यों ने पुरज़ोर ढ़ंग से मातम किया।सै०मो०अस्करी ,जैंग़म अब्बास ,आसिफ चायली ,शबीह जाफरी ,सामिन अब्बास ,अली नजफ ,इब्ने हसन ,अमन जायसी ,शादाब ज़मन ,अखलाक़ रज़ा यासिर ज़ैदी ,साजिद नक़वी ,आसिफ नक़वी ,इशान ,इरफान आदि मौजूद रहे।
इमाम हसन अस्करी की शहादत पर मोमबत्ती की रौशनी में निकाला गया ताबूत
इमामबाड़ा नक़ी बेग रानी मण्डी मे चुप ताज़िया अशरा ए मजलिस के अन्तिम दिन ब्रहस्पतवार को रात्रि आठ बजे मौलाना रज़ी हैदर की तक़रीर के बाद शबीहे ताबूत इमाम हसन अस्करी गुलाब और चमेली के फूलों से सजा कर इमामबाड़े की सभी लाईटों को बुझा कर मोमबत्ती की रौशनी और सुगन्धित लोहबान की धूनी के बीच निकाला गया।अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया के प्रवक्ता सै०मो०अस्करी के अनुसार मजलिस के बाद अन्जुमन हैदरिया रानीमण्डी के नौहाख्वान हसन रिज़वी व अन्य नौहाख्वानो ने शहादत इमाम हसन अस्करी पर पुरसा पेश करते हुए रवायती अन्दाज़ में क़दीमी नौहा पढ़ा।
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