असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज, निजी समाचार । क्रांतिकारी अमर शहीद वीर ऊधम सिंह राष्ट्र और युवाओं के लिये प्रेरणा के स्रोत है। उनका बलिदान इतिहास के पन्नो में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। जलिया वाला बाग कांड का बदला लेकर उन्होंने देश का मान सम्मान बढ़ाया उक्त विचार डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) और प्रबुद्ध फाउंडेशन के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रंगकर्मी रामबृज गौतम ने अलोपीबाग स्थित संस्था के कार्यालय पर आयोजित एक बैठक में कही। गौतम ने आगे बताया कि ऊधम सिंह जलिया वाला बाग की घटना से बहुत दुःखी थे। उन्होंने देशभक्ति का परिचय देते हुये जनरल डायर को सरेआम लन्दन में जाकर 13 जून 1940 को गोली मारकर हत्या कर थी और निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लिया था। ऊधम सिंह आज भी हमारे दिलों में जिंदा है।
रीटा. चिकित्साधिकारी डा. एसपी सिद्धार्थ और डा. आरपी गौतम ने बताया कि ऊधम सिंह का आदर्श आज भी प्रासंगिक है। आज भारतीय समाज से सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिये सभी को एकजुट होने की जरूरत है। देश की आजादी के सात दशक बाद भी सरकारे क्रान्तिकारियो के सपनों का भारत नही बना पाई। क्रान्तिकारियो ने जिस समाज का निर्माण का सपना देखा था वह आज तक अधूरा है। क्रान्तिकारियो का जन्मदिवस व बलिदान दिवस मनाने का औचित्य तभी सार्थक होगा जब हम अपने ज्ञान को वैज्ञानिक तौर पर समझते हुये ज्ञान का प्रयोग समाज के विकास के लिये करेंगे।
बैठक में जीडी गौतम, आरआर गौतम, माता प्रसाद, रामलाल गौतम, हीरालाल बौद्ध, मुन्नीलाल बौद्ध, अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।
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