नारी उत्थान समिति के तत्वाधान में *कोविड 19 महामारी और देश की आर्थिक पैकेज पर एक ऑन लाइन विस्तृत लाइव परिचर्चा संपन्न हुई।जिसमे शहर के प्रसिद्ध होम्योपैथ डॉक्टर शीलेंद्र श्रीवास्तव ,पूर्व आयुक्त आर एस वर्मा,ख्यातिप्राप्त कवियत्री निना मोहन और साहित्यकार लेखिका नंदिता एकाकी ने भाग लिया।*
चर्चा में यह बात उभर कर सामने आई की जब पहला कोरोना का मामला भारत में 30जनवरी 2020 को मिला था और WHO ने सभी देशों को कोरोना के बारे में बताया था तभी से देश को सावधान हो जाना चाहिए था। यह एक बाहर से आने वाली बीमारी थी। *अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों पर फरवरी2020 में किसी समय या कम से काम 1मार्च2020 से रोक लगा देना चाहिए थी, या कम से कम विदेश से आने वालो की एयरपोर्ट और बॉर्डर पर कोराना की पूरी जांच कर(थर्मल स्क्रीनिंग अपर्याप्त थी) क्वॉरेंटाइन में रखा जाना चाहिए था और जो जांच में नेगेटिव आते उन्हें ही देश में प्रवेश दिया जाता*।शेष को इलाज के लिए पहले अस्पताल भेजा जाना चाहिए था। *ऐसा सुनिश्चित न कर पाने से तमाम Corona positive लोग भी देश में प्रविष्ट हो गए जिससे देश में कोराना फेला।*
चर्चा में यह बात भी आई की दूसरी सावधानी जो बरती जानी चाहिए थी वह *WHO द्वारा 11 मार्च 2020 को जैसे ही कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया था तभी से हमें लोक डाउन लगने की योजना बना कर,लोक डाउन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के यथा संभव निदान के बारे में सोच समझ कर 15-17 मार्च 2020 तक लोक डाउन घोषित कर देना चाहिए था*।
मरकज ,गुरुद्वारा,होटलों,यात्रा में फंसे लोगो और उद्योगों के बंद होने से बेरोजगार हुए मजदूरों की समस्याओं का आकलन करते हुए लोक डाउन के बाद भी हफ्ते 10दिन बाद से ट्रेनों को बंद किए जाने की सूचना दे दी जाती तो लोग अपने सुविधाजनक स्थानों को चले जाते और अब जैसी मजदूरों कि दुर्दशा देखने को नहीं मिलती और कोराना संक्रमण भी न्यूनतम होता।
मा.प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित 20लाख करोड़ रु के पैकेज में आर बी आई द्वारा लिक्वडिटी मैसर्स के अन्तर्गत 8लाख1हजार छह सौ तीन करो़ड रू तो मार्च 2020 में पहले ही घोषित किए जा चुके थे।इसके अलावा खाद्यान्न और उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 2महीने के गैस आदि के वितरण हेतु 1लाख 92हजार कोरोड रु मार्च 2020 में ही दिए जा चूके थे। *इस प्रकार करीब 10 लाख करोड़ रु तो पुरानी योजनाओं के थे।* बाकी 10लाख करोड़ रु में 3लाख कोरोड़ रू एमएसएमई के लोन और 2लाख करोड़ आदि विद्युत कंपनियों के लिए।2लाख करोड़ रु किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ,हाउसिंग लोन ,स्ट्रीट वेंडर्स के लोन आदि के लिए रखे गए है। *इस प्रकार यह मात्र लोन पैकेज ही है* बस 40हजार करोड़ मनरेगा में और फ्री फूड ग्रेन माइग्रेंट मजदूरों के दो महीने के वितरण के लिए 3हजार500सौ करोड़ रु रखे गए है।वर्तमान संकट से निबटने के लिए तत्काल सहायतार्थ कुछ नहीं है। इस प्रकार *यह पैकेज मात्र लोन पैकेज है और प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने या covid19 से लडने या मजदूरों की और सामान्य नागरिकों कि वर्तमान संकट कि स्थिति से राहत देने के लिए ऊठ के मुंह में जीरा मात्र है।*
आर एस वर्मा
पूर्व आयुक्त
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