‘द वाल नट एंड अदर नट फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन आफ इंडिया’ के अध्यक्ष के सी पाण्डे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘अखरोट की खेती हिमालयी क्षेत्र में आने वाले राज्यों के किसानों के लिए सतत लाभ का साधन बन सकती है लेकिन नीति निर्माताओं का इस ओर कम ध्यान रहा है।’’
नयी दिल्ली। अखरोट की खेती करने वाले किसानों ने हिमालयी क्षेत्र के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अखरोट एवं गिरिदार फलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक उत्कृष्टता केन्द्र खोलने की मांग की है। साथ ही उन्होंने विदेशों से अखरोट के पेड़ की नई किस्मों का आयात करने के लिए किसानों को दी जाने वाली 75 प्रतिशत की सब्सिडी की व्यवस्था को बहाल करने की भी मांग की है। ‘द वाल नट एंड अदर नट फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन आफ इंडिया’ के अध्यक्ष के सी पाण्डे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘अखरोट की खेती हिमालयी क्षेत्र में आने वाले राज्यों के किसानों के लिए सतत लाभ का साधन बन सकती है लेकिन नीति निर्माताओं का इस ओर कम ध्यान रहा है।’’ उनका कहना है,‘‘ हिमालयी क्षेत्र के राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुमायूं और गढ़वाल मंडल तथा अरुणाचल प्रदेश में अखरोट की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए मौजूदा सरकार को शोध केन्द्र खोलने चाहिये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें